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Friday 11 March 2016

" चितौड़गढ़ " में " बाण माताजी मन्दिर " में आरती के वक्त त्रिशूल का कम्पन करना भी एक जीता जागता चमत्कार है ,
" मैहर माता जी मंदिर " में रात को आल्हा अब भी आते हैं ,
सीमा पर स्थित तनोट माता जी मंदिर में 3000 बम में से एक का ना फूटना ,
इतने बड़े हादसे के बाद भी " केदारनाथ मंदिर " का बाल ना बांका होना ,
पूरी दुनियां मैं आज भी सिर्फ " रामसेतु " के पत्थर पानी में तैरते हैं ,
" रामेश्वरम धाम " में सागर का कभी उफान न
मारना ,
" पुरी के मंदिर " के ऊपर से किसी पक्षी या विमान का ना निकलना ,
" पुरी मंदिर " की पताका हमेशा हवा के विपरीत दिशा में उड़ना ,
उज्जैन में " भैरोनाथ " का मदिरा पीना ,
गंगा और नर्मदा माँ ( नदी ) के पानी का कभी खराब ना होना ,
उनाई ( तापी ) में 40° गर्म पानी 365 दिन जमींन से निकलना जहाँ " भगवान राम " ने योगी के कुष्ठ रोग ठीक करने के लिए गर्म पानी बाण मार कर जमींन से निकाला था ,
भीमगोडा ( सिवाना , बाड़मेर ) जहा पांडव श्री भीम ने वनवास के समय माता कुंती को प्यास लगी तब पहाड़ को गोडा ( घुटना ) मारकर पानी निकाला था जहाँ आज भी 365 दिन अमृत समान पानी निकलता है भले ही कितना भी अकाल क्यूं ना हो और भयंकर अकाल के दिनों में भी यह पानी बंद नहीं होता ।
जय माता जी 🚩
जय क्षत्रिय धर्म 🚩
जय राजपूताना 🚩

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